थंभा † संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्तभ्म] दे॰ 'थबा' उ॰— जल की भीत भीत जल भीतर, पवर, भवन का थंभा री ।—संत तुरसी॰, पृ॰ २३४ ।