थपड़ी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थपड़ी संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰ थप थप]

१. दोनों हथेलियों को एक दूसरे से जोर से टकराकर ध्वनि उत्पन्न करने की क्रिया । ताली । क्रि॰ प्र॰—पीटना ।—बजाना । मुहा॰— थपड़ी पीटना या बजाना = जोर जोर से हँसी करना । उपहास करना । दिल्लगी उड़ाना ।

२. थाली बजने का शब्द ।

३. बेसन की पूरी जिसमें हींग, जीरा और नमक पड़ा रहता है ।