थपन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थपन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थापन] स्थापन । ठहराने या जमाने का काम । उ॰— उथपे थपन थिर थपेउ थपनहार केसरीकुमार बल अपनो सँभारिये ।— तुलसी (शब्द॰) । यौ॰— थपरहार = स्थापित या प्रतिष्ठित करनेवाला ।