थपना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थपना पु ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ स्थापन]

१. स्थापित करना । बैठाना । ठहराना । जमाना ।

२. प्रतिष्ठित करना ।

थपना ^२ क्रि॰ अ॰

१. स्थापित होना । जमना । ठहरना ।

२. प्रतिष्ठित होना ।

थपना ^३ क्रि॰ सं॰ [अनु॰ थप थप] धीरे धीरे पिटना या ठोंकना ।

थपना ^४ संज्ञा पुं॰

१. पत्थर, लकड़ी आदि का ओजार या टुकड़ा जिसमें किसी वस्तु की पीटे । पिटना ।

२. थापी ।