थरकना पु † क्रि॰ अ॰ [अनु॰ थर थर + करना] थर्राना । डर से काँपना । उ— बंक दृग बदन मयंक वारे अंक मरि अंग में संसक परयंक थरकत है ।— देव (शब्द॰) ।
थरकना क्रि॰ सं॰ [हिं॰ थरकना] डर से कँपाना ।