थरपना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थरपना पु † क्रि॰ सं॰ [सं॰ स्थापन] स्थापित करना । प्रतिष्ठित करना । स्थापना । उ॰—दरिया साँचा सूरमा, अरि दल घालै चूर । राज थरपिया राम का, नगर बसा भरपूर ।— दरियां बानी, पृ॰, १३ । (ख) बंधन जाल जुक्त जम दीनी, कीनी काल थरपना ।—रसी॰ श॰, पृ॰ २२६ ।