थहाना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]थहाना क्रि॰ सं॰ [हिं॰ थाह]
१. गहराई का पता लगाना । थाह लेना । उ॰ —(क) सूर कहौ ऐसो को त्रिभुवन आवै सिंधु थहाई ।—सूर (शब्द॰) ।(ख) तुलसी तीराहि के चले समय पाइबी थाह । धाइ न जाइ थहाइबी सर सरिता अवगाह ।— तुलसी (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰—डालना ।—देना ।—लेना ।
२. किसी की विद्या बुद्धि या भीतरी अभिप्राय आदि का पता लगाना ।