थापन संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थापन] १. स्थापित करने की क्रिया । जमाने या बैठाने की क्रिया । २. किसी स्थान पर प्रतिष्ठित करने का कार्य । रखने का कार्य । ब॰— कहेउ जनक कर जोरि कीन मोहि आपन । रधुकुल तिलक भुवाल सदा तुम उथपन थापन ।—तुलसी (शब्द॰) ।