थापी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]थापी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ थापना]
१. काठ का चिपटे और चौड़े सिरे का डंडा जिससे कुम्हार कच्चा घड़ा पीटते हैं ।
२. वह चिपटी मुँगरी जिससे राज या कारीगर गच पीटते हैं ।
३. थपकी । हथेली से किया हुआ आघात । थाप । उ॰— कबीर साहब ने उस गाय की थापी दिया ।— कबीर मं॰, पृ॰ ११४ ।