थोहर पु † संज्ञा पुं॰ [देश॰] दे॰ 'थूहर' । उ॰—सुभा हरड़ थोहर सुभा, सुभा कहत कल्याण । सुभा जु सोभावान हरि, और न दूजो जान ।—नंद॰, ग्रं॰, पृ॰ ७० ।