दंडवत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दंडवत संज्ञा पुं॰ स्त्री॰ [सं॰ दण्डवत्] साष्टांग प्रणाम । पृथ्वी पर लेटकर किया हुआ नमस्कार ।
दंडवत पु संज्ञा पुं॰, स्त्री॰ [सं॰ दण्डवत्] दे॰ 'दंडवत्' । उ॰—मुनि कहँ राम दँडवत कीन्हा । आशिरबाद विप्र वर दीन्हा ।— तुलसी (शब्द॰) । विशेष—पूरब में इस शब्द को पुल्लिंग बोलते हैं पर दिल्ली की ओर यह शब्द स्त्रीलिंग बोला जाता है ।
दंडवत पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दण्डवत] दे॰ 'दंडवत्' । उ॰—पदुमावती के बरसन आसा । दँडवत कीन्ह मँडप चहँ पासा ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ २३२ ।