दंडिका
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दंडिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दण्डिका]
१. बीस अक्षरों की एक वर्णवृत्ति जिसके प्रत्येक चरण में एक रगण के उपरांत एक जगण, इस प्रकार गणों का जोड़ा तीन बार आता है और अंत में गुरु लघु होता है । इसे वृत्त और गड़का भी कहते है । जैसे,—रोज रोज राजगैल तें लिए गुपाल ग्वाल तीन सात । वायु सेवनार्थ प्रात बाग जात आव लै सुफूल पात ।
२. यष्टिका । छड़ी (को॰) ।
३. कतार । पंक्ति (को॰) ।
४. रज्जु । डोरी (को॰) ।
५. मोती की लर, हार आदि (को॰) ।