दक्षिणाप्रवण संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह स्थान जो उत्तर की अपेक्षा दक्षिण की ओर अधिक नीचा या ढालुआँ हो । विशेष—मनु के अनुसार श्राद्ध आदि के लिये ऐसा ही स्थान उपयुक्त होता है ।