दक्षिणायन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दक्षिणायन ^१ वि॰ [सं॰] दक्षिण की ओर । भूमध्यरेखा से दक्षिण की ओर । जैसे, दक्षिणायन सूर्य ।
दक्षिणायन ^२ संज्ञा पुं॰
१. सूर्य की कर्क रेखा से दक्षिण मकर रेखा की ओर गति ।
२. वह छह महीने का समय जिसमें सूर्य कर्क रेखा से चलकर बराबर दक्षिण की ओर बढ़ता रहता है । विशेष—सूर्य २१ जून को कर्क रेखा अर्थात् उत्तरीय अयनसीमा पर पहुँचता है ओर फिर वहाँ से दक्षिण की ओर बढ़ने लगता है और प्रायः २२ दिसंबर तक दक्षिणी अयन सीमा मकर रेखा तक पहुँच जाता है । पुराणानुसार जिस समय सूर्य दक्षिणायन हों उस समय कुआँ, तालाब, मंदिर आदि न बनवाना चाहिए और न देवताओं की प्राणप्रतिष्ठा करनी चाहिए । तो भी भैरव, वराह, नृसिंह आदि की प्रतिष्ठा की जा सकती है ।