दब संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ दबना] बड़ों के प्रति संकोच या भय । दे॰ 'दाब' । उ॰— कहा करौ कछु बनि नहिं आवै अति —गुरजन की दब री ।—घनानंद॰, पृ॰ ५३३ । यौ॰—दबगर ।