दरबा संज्ञा पुं॰ [फा़॰ दर] १. कबूतरों, मुरगियों आदि के रखने के लिये काठ का खानेदार संदूक, जिसके एक एक खाने में एक एक पक्षी रखा जाता है । २. दीवार, पेड़ आदि में वह खोंडरा या कोटर जिसमें कोई पक्षी या जीव रहता है ।