दरिद्र ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ दरिद्रा] जिसके पास निर्वाह के लिये यथेष्ट धन हो । निर्धन । कंगाल । यौ॰— दरिद्र नारायण = कंगाल । भिक्षुक ।
दरिद्र ^२ संज्ञा पुं॰ १. निर्धन मनुष्य । कंगाल आदमी । †२. दारिद्रय । कंगाली ।