दरियाई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दरियाई ^१ वि॰ [फा़॰]

१. नदी संबंधी ।

२. नदी में रहनेवाला । जैसे, दरियाई घोड़ा ।

३. नदी के निकट का ।

४. समुद्र संबंधी ।

दरियाई ^२ संज्ञा स्त्री॰ पतंग को दुर ले जाकर हवा में छोड़ने की क्रिया । झोली । छुडै़या । क्रि॰ प्र॰—देना ।

दरियाई ^३ संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ दाराई] एक प्रकार की रेशमी पतली साटन । उ॰— सच है, और तुम्हारी कविता ऐसी है जैसे सफेद फर्श पर गोबर का चोंथ, सोने की सिकड़ी में लोहे की घंटी ग्र॰, भा॰ १, पृ॰ ३७७ ।

दरियाई ^४ संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ दरिया] एक तरह की तलवार । उ॰— दिपती दरियाई दोनौ आई भटनि चलाई अति उमही ।— पद्याकर ग्रं॰, पृ॰ २८ ।

दरियाई घोड़ा संज्ञा पुं॰ [फा़॰ दरियाई + हिं॰ घोड़ा] गैंडे की तरह का मोटी खाल का एक जानवर जो अफ्रिका में नदियों के किनारे की दलदलौ और झाड़ियों में रहता हैं । विशेष— इसके पैरों में खुर के आकार की चार चार उँगलिया होती हैं । मुँह के भीतर डाढ़ें और कँटीले दांत होते हैं । शरीर नाटा, मोटा, और बेढंगा होता हैं । चमडे़ पर बाला नहीं होते । नाक फूली और उभरी हुई तथा पूँछ ओर आँखे छोटी होती हैं । यह जानवर पौधों की जड़ों और कल्लौ को खाकर यरहता है । दिन भर तो यह झाड़ियों और दलदलों में छिपा रहता है, रात को खाने पीने की खोज में निकलता है और खेती आदि को हानि पहुँचाता है । पर यह नदी से बहुत दुर नहीं जाता और जरा सा खटका या भय होते ही नदी में जाकर गोता मार लेता है । यह देर तक पानी में नदीं रह सकता, साँस लेने के लिये सिर निका- लता है और फिर डूबता है । यह निर्जन स्थानों में गोल बाँधकर रहता है ।

दरियाई नरियल संज्ञा पुं॰ [फा़॰ दरियाई + हिं॰ नारियल] एक प्रकार का नारियल जो अफ्रीका, अमेरिका आदि में समुद्र के किनारे किनारे होता है । विशेष— इसकी गिरी और छिलका सूखने पर पत्थर की तरह कड़ा हो जाता है । इसकी गिरी दवा के काम में आती है । खोपड़े का पात्र बनता है जिसे संन्यासी या फकीर अपने पास रखते हैं ।