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दर्जा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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दर्जा ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰ दर्जह्]

१. ऊँचाई निचाई के क्रम के विचार से निश्चित स्थान । श्रेणी । कोटि । वर्ग । जैसे,— वह अव्वल दर्जे का पाजी है ।

२. पढाई के क्रम में ऊँचा नीचा स्थान । जैसे,— तुम किस दर्जे में पढ़ते हो । मुहा॰—दर्जा उतारना = ऊँचे दर्जे से नीचे दर्जे में कर देना । दर्जा चढ़ना = नीचे दर्जे से ऊँचे दर्जे में जाना । दर्जा चढ़ाना= नीचे दर्ज ऊँचे दर्जे में करना । क्रि॰ प्र॰—घटाना ।—बढ़ाना ।

४. किसी वस्तु का विभाग जो ऊपर नीचे के क्रम से हो । खंड़ । जैसे, आलमारी के दर्जे । मकान के दर्जे ।

दर्जा ^२ क्रि॰ वि॰ गुणित । गुना । जैसे,— वह चीज उससे हजार दर्जे अच्छी है ।