दर्व
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
दर्व पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ द्रव्य] द्रव्य धन । संपत्ति । उ॰—सहस धेनु कंचन बहु हीरा । अगनित दर्व दियौ नृप वीरा ।— रसरतन, पृ॰ १९ ।
दर्व ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. हिंसा करनेवाला मनुष्य ।
२. राक्षस ।
३. एक जाति जिसका नाम दरद, किरात आदि के साथ महाभारत में आया है । इस जाति का निवासस्थना पंजाब के उत्तर का प्रदेश था ।
४. वह देश जहाँ उक्त जाति बसती थी ।
५. सर्प का कण (को॰) ।
६. आघात । चोट । क्षति (को॰) ।
७. केरछुल । दर्वी [को॰] ।