दलना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दलना क्रि॰ स॰ [सं॰ दलन]
१. रगड़ या पीसकर टुकड़े टुकड़े करना । मलकर चूर चूर करना । चूर्ण करना । खंड खंड करना ।
२. रौंदना । कुचलना । मलना । खूब दबाना । मसलना । मीड़ना । उ॰—पर अकाज लगि तनु परिहरहीं । जिमि हिम उपल कृषि दलि गरहीं ।—मानस, १ ।४ । संयो॰ क्रि॰—डालना ।—मारना ।
३. चक्की में डालकर अनाज आदि के दानों को दलों या कई टुकड़ों में करना । जैसे, दाल दलना ।
४. नष्ट करना । ध्वस्त करना । जीतना । उ॰—केतिक देश दल्यो भुज के बल ।—भूषण (शब्द॰) । यौ॰—दलना मलना । उ॰—भुजबल रिपुदल दलि मलि देखि दिवस कर अंत ।—तुलसी (शब्द॰) ।—मलना दलना
५. तोड़ना । झटके से खंडित करना । उ॰—दलि तृण प्राण निछावरि करि करि लैहैं मातु बलैया ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) साई हौं बूझत राजसभा धुनुकैं दल्यौ हौं दलिहौं बल ताको ।—तुलसी (शब्द॰) ।