दलाली संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰] १. दलाल का काम । क्रि॰ प्र॰—करना । २. वह द्रव्य जो दलाल को मिलता है । उ॰—भक्ति हाट बैठि तू थिर ह्वै हरि नग निर्मल लेहि । काम क्रोध मद लोभ मोह तू सकल दलाली देहि ।—सूर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—देना ।—लेना ।