दश्त संज्ञा पुं॰ [फा़॰] जंगल । बियाबान । वन । उ॰—फिरते ही फिरते दश्त दिवाने किधर गए । वे आशिकी के हाय जमाने किधर गए ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ १५ । जंगल ।