सामग्री पर जाएँ

दात

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

दात पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ दातव्य या सं॰ दात्र ( = दान)] दान । उ॰— तुम सब ही के गुरु मानी अति पुर पुर भूतल के सुर तुम्हैं दीजियत दात है ।—हनुमान (शब्द॰) ।

दात ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ दाता] दे॰ 'दाता' । उ॰—सतगुरु समानै को सगा सोंध समानै दात ।—कबीर (शब्द॰) ।

दात ^३ वि॰ [सं॰]

१. विभक्त । कटा हुआ । छिन्न ।

२. धुला हुआ । स्वच्छ किया हुआ । मार्जित । शुद्ध [को॰] ।