दारि
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दारि पु † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दालि] दे॰ 'दाल' । उ॰— दारि गली है भली विधि सों अरु चाउर हैगो सुगंध भरो जू ।— सेवक (शब्द॰) ।
दारि ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] विदारण । कर्तन । छेदन [को॰] ।
दारि ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दारिका] दे॰ 'दारी ^२' । उ॰— चंचल सरस एक काहू पै न रहै दारि ।— भूषण ग्रं॰, पृ॰ १२३ ।