दावा

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हिन्दी[सम्पादन]

अर्थ[सम्पादन]

  • किसी बात को कहने में वह साहस जो उसकी सच्चाई के निश्चय से उत्पन्न होता है।
  • दृढ़तापूर्वक कथन।
  • सम्पत्ति अथवा अधिकार की रक्षा या प्राप्ति के लिए चलाया हुआ मुक़दमा।

उदाहरण[सम्पादन]

  • मैं यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि इसमें मिलावट है।
  • बिड़ला ने प्रियंवदा की वसीयत के विरुद्ध दावा किया है।
  • आपका राम के बारे में यह दावा उचित नहीं है।

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संज्ञा[सम्पादन]

दावा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दाव (= वन)] वन में लगनेवाली आग जो बाँस या और पेड़ों की डालियों के एक दूसरे से रगड़ खाने से उत्पन्न होती है और दूर तक फैलती चली जाती है । उ॰— चिंता ज्वाल सरीर बन दावा लगि लगि जाय । प्रगट धुवाँ नहिं देखिए उर अंतर धुधुवाय ।— गिरधर (शब्द॰) ।

दावा ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰ दा'वा] किसी वस्तु पर अधिकार प्रकट करने का कार्य । किसी वस्तु को जोर के साथ अपना कहना । किसी चीज पर हक जाहिर करना । जैसे,— कल तुम इस मकान ही पर दावा करने लयोगे तो हस क्या करेंगे ? उ॰— दावा पातहासन सों कीन्हों सिवराज बीर जेर कीनो देस, हद्द बाँध्यो दहबारे में ।— भूषण (शब्द॰) ।

२. स्वत्व । हक । जैसे,— इस चीज पर तुम्हारा क्या दावा है ।—

३. किसी के विरुद्ध किसी वस्तु पर अपना अधिकार स्थिर करने के लिये न्यायालय आदि में दिया हुआ प्रार्थनापत्र । किसी जायदाद या रुपए पैसे के लिये चलाया हुआ मुकदमा । जैसे, किसी आदमी पर अपने रुपए का दावा करना । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—दावा जमाना = मुकदमा ठीक करना । हक साबित करना ।

४. नालिश । अभियोग । मुहा॰— दावा खारिज होना = मुकदमा हारना । हक का सबित न होना ।

५. अधिकार । जोर । प्रताप । उ॰— गरुड़ को दावा सदा नाग के समूह पर, दावा नाग जूह पर सिंह सिरताज को ।— भूषण (शब्द॰) ।

६. किसी बात की कहने में वह साहस जो उसकी यथार्थता के निश्चय से उत्पन्न होता है । दृढ़ता । जैसे,— मैं दावे से साथ कहता हूँ कि मैं इस काम को दो दिनों में कर सकता हूँ ।

७. दृढ़तापूर्वक कथन । जोर के साथ कहना । जैसे,— उनका तो यह दावा है कि वे एक मिनट में एक श्लोक बना सकते हैं ।