दासिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] दासी । उ॰— कूबरी भई है रानी हम तौ बिगनी हाय, तऊ बिन दामन की दासिका गने रहौ । नागर जू छेम जुत आपु जग कोटिक लौं, चित की लगन जहाँ मगन बने रहौ ।— नट॰, पृ॰ २७ ।