दिब्ब † संज्ञा पुं॰ [सं॰ दिव्य] दे॰ 'दिव्य' । उ॰— कहि कै सुओ छोड़ि दई पाती । जानहु दिब्ब छुअत तसि ताती ।—पद्मावत पृ॰ २७४ ।