दिव्यदृष्टि

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दिव्यदृष्टि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. अलौकिक दृष्टि जिससे गुप्त, परोक्ष अथवा अंतिरिक्ष के पदार्थ दिखाई दें । जैसे,—आपने यहीं बैठे बैठे दिव्यदृष्टि से देख लिया कि बरात वहाँ पहुँच गई । (व्यंग्य) ।

२. ज्ञानदृष्टि ।