दीमक

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दीमक संज्ञा स्त्री॰ [फा॰ ] चींटी की तरह का एक छोटा कीडा जिसे जालीदार पर निकलते हैं । यह लकडी आदि में लगकर उसे खोखली और नष्ट कर देता है । बल्मीक । विशेष— इसका धड़ सफेद होता है सिर लाल या नारंगी रंग का होता है । यह दल बाँधकर रहता है । दीमकें गरम देशों में बहुत होती हैं और मिट्टी का घर बनाती हैं जिसकी दीवारें दानेदार पपड़ी की तरह होती हैं । कहीं कहीं ये घर ढूह के आकार के हाथ डेढ़ हाथ ऊँछे होते हैं, और वल्मीक या बमौट कहलाते हैं । चींटियों की तरह ये कीडे़ भी बडे़ नियम और व्यवस्था के साथ रहते हैं । एक दल में अधिक संख्या तो क्लीव कीटों की होती है जो केवल काम करने के लिये होते हैं । कुछ क्लीव कीट लंबे लंबे सिरवाले होते हैं जो सिवाही कहलाते हैं । एक या अधिक स्त्री कीट या रानियाँ होती हैं जिन- का शरीर अँडों से भरे रहने के कारण कभी कभी बहुत फूला दिखाई पड़ता है । इनके अतिरिक्त नर भी होते हैं जो किसी किसी ऋतु में बहुत दिखाई पड़ते हैं और फतिंगों की तरह उड़ते फिरते हैं । ये कीडे़ काष्ठ और जंतुशरीर पर निर्वाह करते हैं । जिस वस्तु पर ये लगते हैं उसे प्रायः मिट्टी की पपड़ी से आच्छादित कर देते हैं और भीतर ही भीतर उसे खाते जाते हैं । बरसात में दीमकें लगती हैं और कागज । लकड़ी आदि को इनसे बचाना कठिन हो जाता है । मुहा॰—दीमक खाय = (१) जिसे दीमकों ने खाकर नष्ट कर दिया हो । (२) दीसकों की खाई हुई वस्तु की तरह स्थान स्थान पर खुदा हुआ गड़्ढेदार । जैसे, शीतला के दागवाला चेहरा । दीमक का चाटना = दीमक का (किसी वस्तु को) खाकर नष्ट करना जैसे,— इस किताब के पन्ने दीमकें चाट गई ।