दुंद

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दुंद ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰द्वन्द्व]

१. दो मनुष्यों के बीच होनेवाला युद्ध या झगड़ा ।

२. ऊधम । उत्पात । उपद्रव । हलचल । उ॰— तब ही सुरज के सुभट निकट मचायों दुंद । निकसि सकै नहिं एकहू करयो कटक मसमुंद ।— सूदन (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—मचना ।—मचाना ।

३. जोड़ा । युग्म । उ॰— बरनैं दीनदयाल दरसि परदुंद अनंदो ।—दीनदयाल (शब्द॰) ।

दुंद ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ दुन्दुभि] नगाड़ा । उ॰—(क) चढ़ा असाढ़ गगन घन गाजा । साजा बिरह दुंद दल बाजा ।—जायसी (शब्द॰) ।(ख) बाजत ढोल दुंद औ भेरी । माँदर तूर झाँझ चहुँ फेरी ।—जायसी (शब्द॰) ।