दुंदुभि
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दुंदुभि ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ दुन्दुभि]
१. वरुण ।
२. विष ।
३. क्रोच द्वीप का एक विभाग ।
४. एक पर्वत का नाम ।
५. पासे का एक दाँव ।
६. एक राक्षस का नाम जिसे बालि ने मारकर ऋष्य- मूक पर्वत पर फैका था । इसपर मतंह ऋषि ने शाप दिया था, जिसके कारण बालि उस पर्वत के पास नहीं जा सकता था ।
७. विष्णु का नाम (को॰) ।
८. कृष्ण (को॰) ।
९. संव- त्सरों के क्रम में ५६ वें संवत्सर का नाम (को॰) ।
दुंदुभि ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दुन्दुभि] नगाड़ा । धौंसा । उ॰— सुर सुमन बरसगि हरख संकुल बाज दुंदुभि गहगही । संग्राम अंगन राम अंग अनंग बहु सोभा लाही ।—मानस, ६ । १०२ ।