दुआरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दुआरा † संज्ञा पुं॰ दे॰ 'दुआर' । उ॰— (क) लंका बाँके चारि दुआरा ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) थोड़ी बेर में उस दुखी तिरिया ने कहा, मेरा जो ठिकाने नहीं है, झूठे ही मैं इधर उधर सिर मार रही हूँ, देखी दुआरा यही है, इसकी खोली ।—ठेठ॰, पृ॰ ३८ ।