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दुर

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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दुर अव्य॰ या उप॰ [सं॰] इसका प्रयोग इन अर्थों में होता है । (१) दूषण (बुरा अर्थ) जैसे, दुरात्मा, दुर्दिन, (२) निषेध, जैसे, दुर्बल । (३) दुःख या कष्ट, जैसे, दुर्गम ।

दुर अव्य॰ [हिं॰ बूर] एक शब्द जिसका प्रयोग तिरस्कारपूर्वक हटाने के लिये होता है और जिसका अर्थ है 'दूर हो' । विशेष—इस शब्द का प्रयोग कुत्तों के लिये होता है । कभी कभी यों ही प्यार से भी लोग बच्चों या प्रियजनों आदि को 'दुर' कह देते हैं, जैसे,—दुर ! पगली, क्या बकती है? मुहा॰—दुर दुर करना = तिरस्कारपूर्वक हटाना । कुत्ते की तरह भगना । दुर दुर फिट फिट = तिरस्कार ।

दुर ^२ संज्ञा पुं॰ [फा॰]

१. मोती । मुक्ता ।

२. मोती का वह लटकन जो नाक में पहना जाता है । लोलक ।

३. छोटी बाली । उ॰—काल्ह कुँवर कौ कनछेदन है हाथ सोहारी भेली गुर की । .... कंचन के द्वै दुर मँगाय लिये कहौं कहाँ छेदनि आतुर की ।—सूर॰, १० । १८० ।