दूषण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दूषण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. दोष । ऐब । बुराई । अवगुण । उ॰— तब हरि कह्मो हत्यो बिन दूषण हलधर भेद बताओ । वह जादू खोज तुम कीजो द्वारावति धरि आयो ।—सूर (शब्द॰) ।
२. दोष लगाने की क्रिया या भाव । ऐव लगाना । उ॰—संदेह के अनंतर स्वपक्ष के स्थापन और प्रतिपक्ष के दूषण करने पर जो अर्थ का अवधारण होता है सो निर्णय कहलाता है ।—सिद्धांतसंग्रह (शब्द॰) ।
३. रावण के भाई एक राक्षस का नाम जो खर के साथ पंचवटी में शूर्पणखा की रक्षा के लिये नियुक्त किया गया था और जो शूर्पणखा की नाक और कान कट जाने पर पीछे रामचंद्र के हाथ से मारा गया ।
४. जैनियों के सामयिक व्रत में ३२ त्याज्य बातें या अवगुण जिनमें १२ कायिक, १० वाचिक और १० मानसिक हैं ।
५. दोष । अपराध (को॰) ।
६. पार— स्परिक समझौता तोड़ना । विरोध या प्रतिवाद करना (को॰) ।
दूषण ^२ वि॰ [सं॰] विनाशक । संहारक । मारनेवाला । उ॰— लक्ष्मण अरु शत्रुघ्न रीह दानव दल दूषण ।—केशव (शब्द॰) ।