दृढ़
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दृढ़ ^१ वि॰ [सं॰ दृढ़]
१. जो शिथिल या ढीला न हो । जो खूब कल— कर बँधा या मिला हो । प्रगाढ़ । जैसे,—दृढ़ बंधन या गाँठ, दृढ़ आलिंगन ।
२. जो जल्दी न टूटे फूटे । पुष्ट । मजबूत । कडा़ । ठोस । जैसे,—इस फल का छिलका बहुत दृढ़ होता है ।
३. बलवान् । बलिष्ट । हृष्ट पुष्ट । जैसे, दृढ़ अंग ।
४. जो जल्दी दूर, नष्ट या विचलित न हो सके । स्थायी । जैसे, दृढ़ आसन, दृढ़ संकल्प, दृढ़ सिद्धांत ।
५. जो अन्यथा न हो सके । निश्चित । ध्रुव । पक्का । जैसे, किसी बात का दृढ़ होना ।
६. ढीठ । कडे़ दिल का । जैसे, दृढ़ मनुष्य ।
दृढ़ ^२ संज्ञा पुं॰
१. लोहा ।
२. विष्णु ।
३. धृतराष्ट्र के एक पुत्र का नाम ।
४. संगीत में सात रूपकों में से एक ।
५. तेरहवें मनु रुचि के एक पुत्र का नाम ।
६. गणित में वह अंक जो दूसरे अंक से पूरा पूरा विभाजित न हो सके । जैसे,—१, ३, ५, ७, ११, १७, इत्यादि ।