देवल
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]देवल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह जो देवताओं की पूजा करके जीविका- निर्वाह करे । पुजारी । पंडा । विशेष—देवल ब्राह्मण पतित माना जाता है । हव्य, कव्य, श्राद्ध आदि में ऐसे ब्राह्मणों का निषेध है ।
२. धार्मिक पुरुष ।
३. देवर ।
४. नारद मुनि ।
५. धर्मशास्त्र के वक्ता एक मुनि जो असित के पुत्र और वेदव्यास के शिष्य माने जाते हैं ।
६. एक स्मृतिकार ।
देवल ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ देवालय] देवालय । देवमंदिर । उ॰—रूप अपूरब पेखीयई, इसी अस्त्री नहीं सयल संसार । ईसीय न देवल पुत्तली, जइ घरि आवी भोज कुँवार ।—बी॰ रासो॰, पृ॰ २८ ।
देवल ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ देव?] एक प्रकार का चावल । उ॰— धनिया देवल और अजाना । कहँ लगि बरनत जावौ धाना ।—जायसी (शब्द॰) ।