देववाणी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. संस्कृत भाषा । २. आकाशवाणी । किसी अदृश्य देवता का वचन जो अंतरिक्ष में सुनाई पड़े । उ॰—दाँव बलराम को देखि उन छल कियो रुक्म जीत्यो कहन लगे सारे । देववाणी भई जीत भई राम की ताहु पै मूढ़ नाहीं । सँभारे ।—सूर (शब्द॰) ।