देहरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]देहरा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ देव + घर] देवावास । देवालय । उ॰— (क) नेव बिहूना देहरा, देव बिहूना देव । कबिरा तहाँ बिलंविया करै अलख की सेव ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) दरसे वा सुभ देहरौ रामौ पीर उदार ।— रा॰ रू॰, पृ॰ ३०५ ।
देहरा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ देह + रा (प्रत्य॰)] नरशरीर । नरदेह । उ॰—कोठे ऊपर दौरना सुख नींदरी न सोय । पुण्ये पाया देहरा ओछी ठोर न खोय ।—कबीर (शब्द॰) ।