दैन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दैन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. दीन होने का भाव । दीनता ।
२. शोक । दुःख । पश्चात्ताप (को॰) ।
३. निम्नता । नीचता (को॰) ।
४. निर्बलता (को॰) ।
दैन ^२ वि॰ [सं॰] दिन संबंधी ।
दैन ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ देना] दे॰ 'देय' । विशेष—इस शब्द का प्रयोग समास में विशेषणवत् भी होता है जैसे,—सुखदैन = सुख देनेवाला । उ॰—नैन सुखदैन मन मैन मलय लेखिए ।—केशव (शब्द॰) ।
दैन ^४ संज्ञा पुं॰ [अ॰] ऋण । कर्ज । उ॰—बंदगी होय उसकी सब पर फर्ज ऐन । खल्क ऊपर ज्यों सर बसर मानिंद दैन ।— दक्खिनी॰, पृ॰ १९३ ।