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दोगला

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हिन्दी[सम्पादन]

१. पाखंडी। ढोंगी। जिसके कहने और करने में विरोधाभास हो।

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दोगला संज्ञा पुं॰ [फा़॰ दोगलहू] [स्त्री॰ दोगली]

१. वह मनुष्य जो अपनी माता के असली पति से नहीं बल्कि उसके यार से उत्पन्न हुआ हो । जारज ।

२. वह जीव जिसके माता पिता भिन्न भिन्न जातियों के हों । जैसे,देशी और विलायती से उत्पन्न दोगला कुत्ता ।

दोगला ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ दो + कल] बाँस की कमचियों का बना एक गोल और कुछ गहरा (टोकरी का सा) पात्र जिससे किसान लोग पानी उलीचते हैं ।