दोधक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दोधक संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक वर्णवृत जिसमें तीन भगण और अंत में दो गुरु होते हैं । इसका दूसरा नाम 'बंधु' भी है । जैसे,— भागु न गो दुहि दे नंदलाला । पाणि गहे कहतीं ब्रजवाला । दोध करैं सब आरत बानी । या मिस लै घर जायँ सयानी ।