दोहर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दोहर संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ दो + घड़ी ( = तह)] एक प्रकार की चादर जो कपड़ों की दो परतो को एक में सीकर बनाई जाती है । विशेष—इसके चारों ओर गोट लगी रहती है । इसमें कभी कभी कपड़े की दोनों तहें एक ही कपड़े की होती हैं और कभी एक तह किसी मोटे कपड़े या छींट आदि की होती है और दूसरी तह मलमल आदि महीन कपड़े की ।