द्रोण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]द्रोण संज्ञा पुं॰ [सं॰] लकड़ी का एक कलश या बरतन जिसमें वैदिक काल में सोम रखा जाता था ।
२. जल आदि रखने का लकडी का बरतन । कठवत ।
३. एक प्राचीन माप ज ो चार आढ़क या १६ सेर और किसी किसी के मत से ३२ सेर की मानी जाती थी । पर्या॰— घट । कलश । उन्मान । उल्वण । अर्मण ।
४. पत्ते का दोना ।
५. नाव । डोंगा ।
६. अरणी की लकड़ी ।
७. लकड़ी का रथ ।
८. डोम कौआ । काला कौआ । उ॰— करता रव दूर द्रोण था ।— साकेत, पृ॰ ३०६ ।
९. बिच्छू ।
१०. वह जलाशय या तालाब जो चार सौ धनुष लंबा चौड़ा हो । यह पुष्करिणी और दीर्घिका से बड़ा होता है । ११ मेघों के एक नायक का नाम । जिस वर्ष यह मेघनायक होता । है उस बर्ष वर्षा बहुत अच्छी होती है । १२ वृक्ष । पेड़ ।
१३. द्रोणाचल नाम का पहाड़ । विशेष— रामायण के अनुसार यह पर्वत क्षीरोद समुद्र के किनारे है और जिसपर विशल्यकरिणी नाम की संजीवनी जड़ी होती है । पुराणों के अनुसार यह एक वर्षपर्वत है ।
१४. एक फूल का नाम ।
१५. नील का पौधा ।
१६. केला ।
१७. महाभारत के प्रसिद्ध ब्राह्मण योद्धा जिनसे कौरवों और पांडवों ने अस्त्रशिक्षा पाई थी । दे॰ 'द्रोणाचार्य' ।