द्वाभा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

द्वाभा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ द्वि + आभा] रात दिन की संधिवेला । संध्या या उषःकाल । उ॰— जाड़ों की सूनी द्वाभा में झूल रही निशि छाया गहरी । डूब रहे निष्प्रभ विषाद में खेत, बाग, गृह, तरु, तट लहरी ।—ग्राम्या, पृ॰ ६४ ।