द्वारका

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

द्वारका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] काठियावाड़ गुजरात की एक प्राचीन नगरी । उ॰— धर पिच्छम निरखण मनधारे । परसण हरि द्वारका पधारे ।— रा॰ रू॰, पृ॰ १२ । विशेष— पुराणानुसार यह सात पुरियों में मानी गई है । यहाँ द्वारकानाथ जी का मंदिर है । हिंदू लोग इसे चार धामों में मानते हैं और बड़ी श्रद्धा से यहाँ आकर छाप लेते हैं । इसे द्वारावती भी कहते हैं । यहाँ श्रीकृष्णचंद्र जरासंध के उत्पातों के कारण मथुरा छोड़कर जा बसे थे । यही उस समय यादवों का राजधानी थी । पुराणों में लिखा है कि श्रीकृष्ण के देह- त्याग के पीछे द्वारका समुद्र में मग्न हो गई । पोरबंदर से १५ कोस दक्षिण समुद्र में इस पुरी का स्थान लोग अबतक बतलाते हैं । द्वारका का एक नाम कुशस्थली भी है ।