द्वारपाल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

द्वारपाल संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ द्वारपाली, द्वारपालिन]

१. वह पुरुष जो दरवाजे पर रक्षा के लिये नियुक्त हो । इयोढ़ीदार । दरबान । पर्या॰—प्रतीहार । द्वाःस्य । द्वारप । दर्शक । दौःसाधिक । वर्त- रूप । गर्वाट । द्वारस्थ । क्षता । दौवारिक । दंड़ी ।

२. तंत्र के अनुसार वह देवता जो किसी मुख्य देवता के द्वार का रक्षक हो । इन देवताओं की पूज पहले की जाती है ।

३. एक तीर्थ । महाभारत में इसे सरस्वती के किनारे लिखा है ।