द्वैध

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

द्वैध संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. विरोध । परस्पर विरोघ । राजनीति के षड्गुणों में से एक जिसमें परस्पर के व्यवहार में गुप्त और प्रकट स्वभाव रखना पड़ता है अर्थात् मुख्य उद् देश्य गुश रखकर दूसरा उद्देश्य प्रकट किया जाता है ।