धड़ी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धड़ी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ धटिका, धटी]

१. चार या पाँच सेर की एक तौल । उ॰—कहा बोझ सीरा में कहिये सौ ऊपर एक धड़ी ।—संतवाणी॰ पू॰ ७७ । मुहा॰—धड़ी भरना = वजन करना । घड़ी धड़ी करके लुटना = तिनका तिनका लुटना । इस प्रकार लुटना कि पास में कुछ भी न रह जाय । धड़ी धड़ी करके लूटना = तिनका तिनका लूटना । खूब लूटना । कुछ भी न छोड़ना । धड़ियों = ढेर का ढेर । बहुत सा । बहुत अधिक ।

२. पाँच सौ रुपए की रकम ।

३. रेखा । लकीर ।

४. वह लकीर जो मिस्सी लगाने या पान खाने से ओठों पर पड़ जाती हैं । क्रि॰ प्र॰—जमाना = ओठों पर मिस्सी की तह जमाना ।—लगाना = दे॰ 'घड़ी जमाना' ।