धनपातर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ धनपात्र] दे॰ 'धनपात्र' । उ॰—पूछेसि इहाँ साहु कोउ अहई । धनपातर जा कहँ जग कहई ।—चित्रा॰, पृ॰ २३४ ।